गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

Fwd: चुनाव जीतने के लिए शीला ने किया गरीबों के साथ धोखा

चुनाव जीतने के लिए शीला ने किया गरीबों के साथ धोखा Posted On July 18, 2011 Tags : नेटवर्क -6 डेस्क AAA दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित राजीव रत्न आवास योजना में फंसती नजर आ रही हैं। लोकायुक्त की जांच में पाया गया है कि शीला दीक्षित ने चुनावी फायदे के लिए दिल्ली की जनता को गुमराह किया। साल 2008 के विधानसभा चुनावों से पहले जनता से वादा किया गया था कि गरीब लोगों को राजीव रत्न आवास योजना के तहत किफायती रेट पर घर मुहैया कराए जाएंगे। कहा गया कि 60 हजार फ्लैट बनकर तैयार हैं और साल 2012 तक ऐसे 4 लाख फ्लैट बनाए जाएंगे। अब लोकायुक्त की जांच में ये बात सामने आई है कि शीला दीक्षित ने सिर्फ और सिर्फ 2008 के चुनावों में फायदा उठाने के लिए ऐसा किया था। आज तक फ्लैट तैयार नहीं हैं। लोकायुक्त ने राष्ट्रपति से सिफारिश की है कि शीला दीक्षित से इस मसले पर सफाई मांगी जाए। अक्टूबर 2009 में वकील सुनीता भारद्वाज ने लोकायुक्त से ये शिकायत की थी। सुनीता के मुताबिक दिल्ली सरकार ने अगस्त 2008 में विज्ञापन दिया था कि चार लाख गरीबों को फ्लैट दिए जाएंगे। 2012 तक ऐसा होगा। 60 हजार फ्लैट तो तैयार भी कर लिए गए हैं। विज्ञापन देखकर लोगों ने इसमें रुचि दिखाई और सौ-सौ रुपये जमाकर इसका फॉर्म भी भरा। सुनीता ने कहा कि आज तक किसी गरीब को फ्लैट नहीं मिला है। ये पूरी तरह चुनावों में फायदा उठाने के लिए बनाई गई स्कीम थी। सुनीता के मुताबिक लोकायुक्त ने जनता को गुमराह करने का उनका आरोप सही माना। सुनीता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने लोकायुक्त जांच को लटकाने में भी भरपूर प्रयास किए यही वजह है कि फैसला आने में दो साल लग गए। दूसरी ओर लोकायुक्त के इस फैसले पर शीला दीक्षित का कहना है कि किसी भी योजना में समय लगता है। इसका मतलब यह नहीं कि सरकार जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरा फैसला पढ़ा नहीं है इसलिए फिलहाल उसपर कोई कमेंट वे नहीं कर सकतीं।